2 September 2023 Choghadiya | जानिए आज दिन और रात का चौघड़िया

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2 September 2023 choghadiya: भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्योदय से सूर्यास्त तथा सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के समय को 30-30 घटी में बांटा गया है। चौघड़िया मुहूर्त के लिए, उसी 30 घटी की समय अवधि को 8 भागों में विभाजित किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप दिन और रात के दौरान 8-8 चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। एक घटी लगभग 24 मिनट की होती है तथा एक चौघडिया 4 घटी (लगभग 96 मिनट) का होता है। प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त लगभग 4 घटी का होता है, इसलिए इसे चौघड़िया= चौ (चार) + घड़िया (घटी) के नाम से जाना जाता है। इसे चतुर्श्तिका मुहूर्त भी कहते हैं।


2 September 2023 Choghadiya | 2 सितंबर 2023 चौघड़िया
2 September 2023 Choghadiya | 2 सितंबर 2023 चौघड़िया


aaj ka choghadiya: किसी भी कार्य का प्रारंभ करने के लिए शुभ लग्न और मुहूर्त को देखा जाता है। इसके अंतर्गग वार, तिथि, माह, वर्ष लग्न, मुहूर्त, योग, नक्षत्र आदि को देखा जाता है। इस क्रम में किसी भी वार को कौन सा समय शुभ है यह भी देखा जाता है। चौघड़िया समय का वह हिस्सा है जो शुभ या अशुभ हो सकता है।



2 सितंबर 2023 का चौघड़िया | 2 September 2023 choghadiya | aaj ka choghadiya


किसी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघड़ियाओं को उत्तम माना गया है और शेष तीन चौघड़ियाओं, रोग, काल और उद्वेग, को त्याग किया जाता है।

आज दिन का चौघड़िया | din ka choghadiya


काल (काल वेला) 06:13 AM 07:46 AM

शुभ 07:46 AM 09:19 AM

रोग 09:19 AM 10:53 AM

उद्बेग 10:53 AM 12:26 PM

चर 12:26 PM 14:00 PM

लाभ (वार वेला) 14:00 PM 15:33 PM

अमृत 15:33 PM 17:06 PM

काल (काल वेला) 17:06 PM 18:40 PM


आज रात का चौघड़िया | rat ka choghadiya


लाभ (काल रात्रि) 18:40 PM 20:06 PM

उद्बेग 20:06 PM 21:33 PM

शुभ 21:33 PM 23:00 PM

अमृत 23:00 PM 00:26 AM

चर 00:26 AM 01:53 AM

रोग 01:53 AM 03:20 AM

काल 03:20 AM 04:46 AM

लाभ (काल रात्रि) 04:46 AM 06:13 AM

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चौघड़िया क्या है?


जिस तरह वर्ष के दो हिस्से हैं उत्तरायण और दक्षिणायन, माह ने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। उसी तरह किसी वार या दिवस के दो हिस्से हैं दिन और रात। इसमें भी सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य के समय को दिन का चौघड़िया कहा जाता है तथा सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के मध्य के समय को रात्रि का चौघड़िया कहा जाता है। दरअसल, प्रत्येक दिन का हर घंटा एक ग्रह की गति से जुड़ा हुआ है जो तदनुसार शुभ या अशुभ बनाता है। हर दिन को कुछ अच्छी समय अवधि और बुरी समय अवधि होती है। ये शुभ या अशुभ चरण चौघड़िया तालिका के साथ निर्धारित होते हैं।

वार के अनुसार

वार और ग्रह से जुड़ा है और प्रत्येक चौघड़िया वार से। जैसे रविवार का सूर्य ग्रह है जिसका चौघड़ियां उद्वेग से प्रारंभ होता है। इस तरह क्रमश: सोमवार का चंद्रमा अमृत से, मंगलवार का मंगल रोग से, बुधवार का बुध लाभ से, गुरुवार को गुरु शुभ से, शुक्रवार का शुक्र चर से, शनिवार का शनि काल से प्रारंभ होता है। मतलब जिस दिन जो वार होता है उस दिन का प्रारंभ उक्त चौघड़िया से होता है।

कौनसा चौघड़िया शुभ है?


किसी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघड़ियाओं को उत्तम माना गया है और शेष तीन चौघड़ियाओं, रोग, काल और उद्वेग, को त्याग देना चाहिए। चौघड़िया मुहूर्त का चयन करते समय, वार वेला, काल वेला, राहु काल, और काल रात्रि के समय को त्याग दिया जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय कोई भी मंगल कार्य करना फलदायी नहीं होता है। वार वेला और काल वेला दिन के दौरान प्रचलित हैं जबकि रात के दौरान काल रात्री प्रचलित है।

प्रत्येक दिन का पहला मुहूर्त उस दिन के ग्रह स्वामी द्वारा प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, रविवार का पहला चौघड़िया मुहूर्त सूर्य द्वारा प्रभावित है। इसके बाद के मुहूर्त क्रमशः शुक्र, बुध, चन्द्रमा, शनि, बृहस्पति तथा मंगल द्वारा प्रभावित चौघड़िया आते हैं। दिन का अन्तिम मुहूर्त भी उस दिन के ग्रह स्वामी द्वारा प्रभावित माना गया है।

चौघड़िया कितने प्रकार के होते है ?


1. उद्वेग चौघड़िया


ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।

2.चर चौघड़िया


शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।

3.लाभ चौघड़िया


बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।

4.अमृत चौघड़िया


चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।

5.काल चौघड़िया


शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

6.शुभ चौघड़िया


बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

7.रोग चौघड़िया


मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।
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